देश की प्रतिष्ठित बिजनेसवुमन और लैक्मे कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर सिमोन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहीं. 95 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया. सिमोन टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा की मां हैं और रतन टाटा की सौतेली मां हैं. बीते कुछ समय से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था और दुबई के किंग्स हॉस्पिटल में भी उनका इलाज चल रहा था.
सिमोन टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रुप ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्हें कोलाबा स्थित कैथेड्रल ऑफ द होली नेम चर्च में अंतिम विदाई दी जाएगी. ग्रुप ने उनकी उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न सिर्फ लैक्मे को देश का आइकॉनिक ब्यूटी ब्रांड बनाया, बल्कि वेस्टसाइड की शुरुआत कर भारतीय रिटेल सेक्टर में भी नई दिशा दी. उनके परिवार में बेटे नोएल टाटा, बहू आलू मिस्त्री, और उनके बच्चे नेविल, माया और लिआ शामिल हैं.
लैक्मे को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाली महिला
1960 के दशक की शुरुआत में सिमोन टाटा ने लैक्मे के बोर्ड में एंट्री ली. उस समय लैक्मे टाटा ऑयल मिल्स की एक छोटी-सी सब्सिडियरी थी, लेकिन उनकी समझदारी और बिजनेस विजन ने इसे नए मुकाम दिलाए. 1961 में उन्हें मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया और 1982 में वे चेयरपर्सन बनीं. उनके नेतृत्व में लैक्मे भारतीय महिलाओं का पसंदीदा कॉस्मेटिक ब्रांड बन गया और आगे चलकर ग्लोबल स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने लगा.
बिजनेस के साथ-साथ समाजसेवा में भी आगे
सिमोन टाटा सिर्फ बिजनेस में ही नहीं, बल्कि समाजसेवा में भी बेहद सक्रिय रहीं. वह सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन रहीं और चिल्ड्रन ऑफ द वर्ल्ड इंडिया (CWI) समेत कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी रहीं. इसके अलावा, वह इंडिया फाउंडेशन फॉर द आर्ट्स की ट्रस्टी भी थीं, जहां उन्होंने कला और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया.